अधूरी लकीर
(बह्रे-रजज-मुसम्मन-सालिम)
वक़्त ख़ुदा को था कम, लिखी, मगर तक़दीर अधूरी सी
कोशिश-ए-मुशव्विर१ न थी कम मगर तसवीर अधूरी सी
ना जाने कितने अरमां से हमने सजाया आशियां
जो तुम न आये इस मकान रही तामीर२ अधूरी सी
वो कहते हैं कि हथेलियाँ मेरी तो बहुत हसीन है
जिस रेखा से तुम मिलते है वो ही लकीर अधूरी सी
स्याही से लिखने कहते हो इस अनसुने अफ़साने को
ख़ूने -जिगर से भी लिखा मगर तहरीर३ अधूरी सी
रब ने तराशा उज़्व४ तेरा , वक़्त मेरा काटकर
क्या दे मिसाल यहाँ कोई, है हर नज़ीर५ अधूरी सी
है नज़र का शायद वही रोग, दिलबर समझा करो
जो थक हारे सारे हकीम , सब तदबीर अधूरी सी
१.चित्रकार, २.निर्माण, ३.लेख ४.अंग, ५.तुलना.
(बह्रे-रजज-मुसम्मन-सालिम)
वक़्त ख़ुदा को था कम, लिखी, मगर तक़दीर अधूरी सी
कोशिश-ए-मुशव्विर१ न थी कम मगर तसवीर अधूरी सी
ना जाने कितने अरमां से हमने सजाया आशियां
जो तुम न आये इस मकान रही तामीर२ अधूरी सी
वो कहते हैं कि हथेलियाँ मेरी तो बहुत हसीन है
जिस रेखा से तुम मिलते है वो ही लकीर अधूरी सी
स्याही से लिखने कहते हो इस अनसुने अफ़साने को
ख़ूने -जिगर से भी लिखा मगर तहरीर३ अधूरी सी
रब ने तराशा उज़्व४ तेरा , वक़्त मेरा काटकर
क्या दे मिसाल यहाँ कोई, है हर नज़ीर५ अधूरी सी
है नज़र का शायद वही रोग, दिलबर समझा करो
जो थक हारे सारे हकीम , सब तदबीर अधूरी सी
१.चित्रकार, २.निर्माण, ३.लेख ४.अंग, ५.तुलना.